तबीअ'त को होगा क़लक़ चंद रोज़ By Sher << चलता हूँ थोड़ी दूर हर इक ... न पाया अमन मुसलमान से न क... >> तबीअ'त को होगा क़लक़ चंद रोज़ ठहरते ठहरते ठहर जाएगी Share on: