'रियाज़' एहसास-ए-ख़ुद्दारी पे कितनी चोट लगती है By Sher << ख़ाक-ए-सहरा-ए-जुनूँ नर्म ... उम्र का लम्बा हिस्सा कर क... >> 'रियाज़' एहसास-ए-ख़ुद्दारी पे कितनी चोट लगती है किसी के पास जब जाता है कोई मुद्दआ' ले कर Share on: