रोज़ दीवार में चुन देता हूँ मैं अपनी अना By Sher << सब एक धुँद लिए फिर रहे है... मिरी मुश्किल मिरी मुश्किल... >> रोज़ दीवार में चुन देता हूँ मैं अपनी अना रोज़ वो तोड़ के दीवार निकल आती है Share on: