रोने के बदले अपनी तबाही पे हँस दिया By Sher << सहर को साथ उड़ा ले गई सबा... मुझ को तो ख़ैर ख़ाना-बदोश... >> रोने के बदले अपनी तबाही पे हँस दिया 'शाकिर' ने इस तरह गिला-ए-आसमाँ किया Share on: