रूह की गूँज बना लेती है ख़ुद अपना मक़ाम By Sher << सुनते सुनते उन्हें नींद आ... पुकारते हैं कि गूँज इस पु... >> रूह की गूँज बना लेती है ख़ुद अपना मक़ाम मुझ को देखो कि हुआ दार भी मिम्बर मुझ को Share on: