रुख़-ए-रौशन से यूँ उट्ठी नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता By Sher << सच कहा है कि ब-उम्मीद है ... क़द्रदानी की कैफ़ियत मालू... >> रुख़-ए-रौशन से यूँ उट्ठी नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता कि जैसे हो तुलू-ए-आफ़्ताब आहिस्ता आहिस्ता Share on: