रुतों के रंग बदलते हुए भी बंजर है By Sher << कोई न रस्ता नाप सका है, र... आ गया याद उन्हें अपने किस... >> रुतों के रंग बदलते हुए भी बंजर है वो एक ख़ास इलाक़ा जो दिल के अंदर है Share on: