साथ उस के रह सके न बग़ैर उस के रह सके By Sher << ख़ुदा के सज्दे बुतों के आ... साक़ी तुझे इक थोड़ी सी तक... >> साथ उस के रह सके न बग़ैर उस के रह सके ये रब्त है चराग़ का कैसा हवा के साथ Share on: