सब हुए महव उसे देख जिधर से निकला By Sher << बोसे गर हम ने लिए हैं तो ... छुपा न राज़ मोहब्बत का बू... >> सब हुए महव उसे देख जिधर से निकला थे तअ'ज्जुब में कि ये चाँद किधर से निकला Share on: