सब मुमकिन था प्यार मोहब्बत हँसते चेहरे ख़्वाब-नगर By Sher << क़िस्मतों से मिला है दर्द... ग़म-ए-ज़माना ने मजबूर कर ... >> सब मुमकिन था प्यार मोहब्बत हँसते चेहरे ख़्वाब-नगर लेकिन एक अना ने कितने भोले दिन बर्बाद किए Share on: