सब नज़र आते हैं चेहरे गर्द गर्द By Sher << शब-ए-दराज़ का है क़िस्सा ... मुद्दतें गुज़रीं मुलाक़ात... >> सब नज़र आते हैं चेहरे गर्द गर्द क्या हुए बे-आब आईने तमाम Share on: