सभी इनआम नित पाते हैं ऐ शीरीं-दहन तुझ से By Sher << ख़ूब जीने का मज़ा पाते है... रोज़ कहता है हवा का झोंका >> सभी इनआम नित पाते हैं ऐ शीरीं-दहन तुझ से कभू तू एक बोसे से हमारा मुँह भी मीठा कर Share on: