सदा-ए-दिल को कहीं बारयाब होना था By Sher << तुम मस्लहत कहो या मुनाफ़ि... दिल कलेजे दिमाग़ सीना ओ च... >> सदा-ए-दिल को कहीं बारयाब होना था मिरे सवाल का कुछ तो जवाब होना था Share on: