सदियों से ज़माने का ये अंदाज़ रहा है By Sher << मैं ने उस की तरफ़ से ख़त ... ये न आने के बहाने हैं सभी... >> सदियों से ज़माने का ये अंदाज़ रहा है साया भी जुदा हो गया जब वक़्त पड़ा है Share on: