सदमे से बाल शीशा-ए-गर्दूँ में पड़ गया By Sher << तकिया-ए-मख़मली सिरहाने रख न उदास हो न मलाल कर किसी ... >> सदमे से बाल शीशा-ए-गर्दूँ में पड़ गया तुम ने दिखाई कोठे पर अपनी कमर किसे Share on: