सफ़र में तुम हमारे साथ रहना By Sher << कहाँ मैं और कहाँ गोशा-नशी... शाम के धुँदलकों में डूबता... >> सफ़र में तुम हमारे साथ रहना कहीं हम रास्तों में खो न जाएँ Share on: