सफ़र पीछे की जानिब है क़दम आगे है मेरा By Sher << जामा-ज़ेबों को क्यूँ तजूँ... मैं ख़ून बहा कर भी हुआ बा... >> सफ़र पीछे की जानिब है क़दम आगे है मेरा मैं बूढ़ा होता जाता हूँ जवाँ होने की ख़ातिर Share on: