सफ़र तो पहले भी कितने किए मगर इस बार By Sher << क्या ख़बर मुझ को ख़िज़ाँ ... हर एक साँस मुझे खींचती है... >> सफ़र तो पहले भी कितने किए मगर इस बार ये लग रहा है कि तुझ को भी भूल जाएँगे Share on: