उस के जज़्बात से यूँ खेल रहा हूँ 'साग़र' By Sher << ज़ियादा देर उसे देखना भी ... पलकों पर अपनी कौन मुझे अब... >> उस के जज़्बात से यूँ खेल रहा हूँ 'साग़र' जैसे पानी में कोई आग लगाना चाहे Share on: