हश्र में कौन गवाही मिरी देगा 'साग़र' By Sher << फूलों को गुलिस्ताँ में कब... जो तू हो साफ़ तो कुछ मैं ... >> हश्र में कौन गवाही मिरी देगा 'साग़र' सब तुम्हारे ही तरफ़-दार नज़र आते हैं Share on: