एक लम्हे में ज़माना हुआ तख़्लीक़ 'मलाल' By Sher << तोड़ कर आज ग़लत-फ़हमी की ... अहल-ए-ग़म तुम को मुबारक ह... >> एक लम्हे में ज़माना हुआ तख़्लीक़ 'मलाल' वही लम्हा है यहाँ और ज़माना है वही Share on: