सगी बहनों का जो रिश्ता रिश्ता है उर्दू और हिन्दी में By Sher << लेते हैं समर शाख़-ए-समरवर... मुझ को मिरी शिकस्त की दोह... >> सगी बहनों का जो रिश्ता रिश्ता है उर्दू और हिन्दी में कहीं दुनिया की दो ज़िंदा ज़बानों में नहीं मिलता Share on: