सहर के साथ चले रौशनी के साथ चले By Sher << सलाम तेरी मुरव्वत को मेहर... पहचान भी सकी न मिरी ज़िंद... >> सहर के साथ चले रौशनी के साथ चले तमाम उम्र किसी अजनबी के साथ चले Share on: