सहीफ़े फ़िक्र-ओ-नज़र के जो दे गए तरतीब By Sher << न गिर्द-ओ-पेश से इस दर्जा... इक ज़रा सी बात पे ये मुँह... >> सहीफ़े फ़िक्र-ओ-नज़र के जो दे गए तरतीब वही तो शेर-ओ-सुख़न के पयम्बरों में रहे Share on: