सज़ाएँ तो हर हाल में लाज़मी थीं By Sher << जुगनू था तारा था क्या था देख लो हम को आज जी भर के >> सज़ाएँ तो हर हाल में लाज़मी थीं ख़ताएँ न कर के पशेमानीयाँ हैं Share on: