सज्दा करता हूँ मैं मेहराब समझ कर उस को By Sher << सज्दा-गाह अपनी किए राह के... सैल-ए-गिर्या का मैं ममनूँ... >> सज्दा करता हूँ मैं मेहराब समझ कर उस को इश्क़ ने तेरे किया है मुझे शमशीर-परस्त Share on: