सज्दे के हर निशाँ पे है ख़ूँ सा जमा हुआ By Sher << शहर में सारे चराग़ों की ज... एक जैसे लग रहे हैं अब सभी... >> सज्दे के हर निशाँ पे है ख़ूँ सा जमा हुआ यारो ये उस के घर का कहीं रास्ता न हो Share on: