समझ पाया नहीं पर सुन रहा हूँ By Sher << तिरे ग़याब को मौजूद में ब... क़तरा क़तरा छत से ही रिसन... >> समझ पाया नहीं पर सुन रहा हूँ वो सरगोशी में क्या क्या कह रही है Share on: