समझे न वो हमें न उन्हें हम समझ सके By Sher << कोई ऐसी दवा दे चारा-गर महसूर ख़ुद हैं अपने सुरों... >> समझे न वो हमें न उन्हें हम समझ सके गुज़री है उम्र जैसे किसी अजनबी के साथ Share on: