समझते हम नहीं जो तुम इशारों बीच कहते हो By Sher << हम ने भेजा तो है उस गुल क... ज़मीन नाव मिरी बादबाँ मिर... >> समझते हम नहीं जो तुम इशारों बीच कहते हो मुफ़स्सल को तो हम जाने हैं ये मुज्मल ख़ुदा जाने Share on: