समुंदरों को भी हैरत हुई कि डूबते वक़्त By Sher << जनाब-ए-शैख़ को सूझे न फिर... क़दमों में भी तकान थी घर ... >> समुंदरों को भी हैरत हुई कि डूबते वक़्त किसी को हम ने मदद के लिए पुकारा नहीं Share on: