समुंदरों को सिखाता है कौन तर्ज़-ए-ख़िराम By Sher << उलझ रहे हैं बहुत लोग मेरी... ये माजरा-ए-मोहब्बत समझ मे... >> समुंदरों को सिखाता है कौन तर्ज़-ए-ख़िराम ज़मीं की तह में ख़ज़ाने कहाँ से आते हैं Share on: