संग-रेज़ो को हक़ारत से न ठुकराइए आप By Sher << फ़क़ीह-ए-शहर से कुछ ख़ास ... फिर मुरत्तब किए गए जज़्बा... >> संग-रेज़ो को हक़ारत से न ठुकराइए आप ख़ाक के ज़र्रे भी सीने में शरर रखते हैं Share on: