सरा-ए-दिल में जगह दे तो काट लूँ इक रात By ख़्वाब, दिल, Sher << हम को इस की क्या ख़बर गुल... सच तो ये कि अभी दिल को सु... >> सरा-ए-दिल में जगह दे तो काट लूँ इक रात नहीं है शर्त कि मुझ को शरीक-ए-ख़्वाब बना Share on: