सर-ब-कफ़ हिन्द के जाँ-बाज़-ए-वतन लड़ते हैं By Sher << तर्क दे इस्लाम को और कुफ़... दिल की दीवार गिर गई शायद >> सर-ब-कफ़ हिन्द के जाँ-बाज़-ए-वतन लड़ते हैं तेग़-ए-नौ ले सफ़-ए-दुश्मन में घुसे पड़ते हैं Share on: