सर्द होते हुए वजूद में बस By Sher << हटाए थे जो राह से दोस्तों... सोच रहा हूँ मैं इस का सौद... >> सर्द होते हुए वजूद में बस कुछ नहीं था अलाव आँखें थीं Share on: