सारे दुख सो जाएँगे लेकिन इक ऐसा ग़म भी है By Sher << निकल आए तन्हा तिरी रह-गुज... तुम मुझे छोड़ के इस तरह न... >> सारे दुख सो जाएँगे लेकिन इक ऐसा ग़म भी है जो मिरे बिस्तर पे सदियों का सफ़र रख जाएगा Share on: