सर-ए-राह मिल के बिछड़ गए था बस एक पल का वो हादसा By Sher << तेशा-ब-कफ़ को आइना-गर कह ... सफ़र में हर क़दम रह रह के... >> सर-ए-राह मिल के बिछड़ गए था बस एक पल का वो हादसा मिरे सेहन-ए-दिल में मुक़ीम है वही एक लम्हा अज़ाब का Share on: