सारी दुनिया के ख़यालात थे दिल में लेकिन By Sher << क़यामत है कि होवे मुद्दई ... जो कि पेशानी पे लिक्खा है... >> सारी दुनिया के ख़यालात थे दिल में लेकिन जब से है याद तिरी कुछ भी नहीं याद मुझे Share on: