सारी हिसों की डोर समाअत को सौंप कर By Sher << तुम्हारी याद की शिद्दत मे... फिर इस के ब'अद से मुड... >> सारी हिसों की डोर समाअत को सौंप कर इस दिल पे कान रख कि ख़ुदा बोलता भी है Share on: