सरज़मीन-ए-ज़ुल्फ़ में क्या दिल ठिकाने लग गया By Sher << तेरे पैमाने में गर्दिश नह... गहन से चाँद निकलता है किस... >> सरज़मीन-ए-ज़ुल्फ़ में क्या दिल ठिकाने लग गया इक मुसाफ़िर था सर-ए-मंज़िल ठिकाने लग गया Share on: