सवाल ये नहीं मुझ से है क्यूँ गुरेज़ाँ वो By Sher << शाम-ए-विदाअ थी मगर उस रंग... मोहब्बतें तो फ़क़त इंतिहा... >> सवाल ये नहीं मुझ से है क्यूँ गुरेज़ाँ वो सवाल ये है कि क्यूँ जिस्म ओ जाँ से बाहर है Share on: