साया-ए-दीवार जो रोज़-ए-क़यामत में न था By Sher << सय्याद नाला सन के जो रोया... सौदा है ये किस ज़ुल्फ़ का... >> साया-ए-दीवार जो रोज़-ए-क़यामत में न था मिर्ग-छाला अपना वाँ हम ने बिछाया धूप में Share on: