'सीमाब' दिल हवादिस-ए-दुनिया से बुझ गया By Sher << किस काम की ऐसी सच्चाई जो ... लोग सह लेते थे हँस कर कभी... >> 'सीमाब' दिल हवादिस-ए-दुनिया से बुझ गया अब आरज़ू भी तर्क-ए-तमन्ना से कम नहीं Share on: