ये शराब-ए-इश्क़ ऐ 'सीमाब' है पीने की चीज़ By Sher << मोहब्बत वहीं तक है सच्ची ... पता नहीं ये तमन्ना-ए-क़ुर... >> ये शराब-ए-इश्क़ ऐ 'सीमाब' है पीने की चीज़ तुंद भी है बद-मज़ा भी है मगर इक्सीर है Share on: