शब जो होली की है मिलने को तिरे मुखड़े से जान By Sher << शब मगर रह गई थोड़ी जो नज़... सय्याद नाला सन के जो रोया... >> शब जो होली की है मिलने को तिरे मुखड़े से जान चाँद और तारे लिए फिरते हैं अफ़्शाँ हाथ में Share on: