शब तबक़ में आसमाँ के गिर पड़े थे मेरे अश्क By Sher << शब-ए-हिज्र का माजरा कोएले... शब में देखी हैं पड़ी पाँव... >> शब तबक़ में आसमाँ के गिर पड़े थे मेरे अश्क कुछ सवाबित बन गए कुछ उन से सय्यारे हुए Share on: