शबाब कर दिया मेरा तबाह उल्फ़त ने By Sher << जिधर को मिरी चश्म-ए-तर जा... तमाम उम्र इसी रंज में तमा... >> शबाब कर दिया मेरा तबाह उल्फ़त ने ख़िज़ाँ के हाथ की बोई हुई बहार हूँ मैं Share on: