शब-ए-फ़ुर्क़त है ठहरते नहीं शोले दिल में By Sher << बोसे अपने आरिज़-ए-गुलफ़ाम... कल तुम जो बज़्म-ए-ग़ैर मे... >> शब-ए-फ़ुर्क़त है ठहरते नहीं शोले दिल में तारा टूटा कि मिरी आँख से आँसू टूटा Share on: