शब-ए-ग़म वहम सुनता है सदाएँ By Sher << शैख़ ओ पंडित धर्म और इस्ल... शबाब आया किसी बुत पर फ़िद... >> शब-ए-ग़म वहम सुनता है सदाएँ गुमाँ होता है कोई आ रहा है Share on: